बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती (धनतेरस) पर मंगलवार को राष्ट्र को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ‘एम्स’ का तोहफा किया। इस मौके पर उन्होंने देश के प्रत्येक जिला में आयुर्वेद अस्पताल खोलने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश अपने इतिहास और विरासत को महत्व और ध्यान दिए बिना प्रगति नहीं कर सकता। जो देश अपनी विरासत को पीछे छोड़ देते हैं वह अपनी पहचान भी खो देते हैं। दुनिया अब प्रकृति और सेहत की ओर लौट रही है। आयुर्वेद भारत की ताकत है। Prime Minister Narendra Modi on Tuesday inaugurated the first ever 200-bed ayurveda hospital on the lines of All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) in New Delhi and said his government plans to establish such traditional medical institutes in every district of the country. प्रधानमंत्री ने सूचना क्रांति की तरह आयुर्वेद क्रांति लाने का आह्ववान किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दिवस या योग दिवस के लिए एकत्र हुए लोगों को देखकर हमारी विरासत में गर्व प्रदर्शित होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है बल्कि है सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण स्वास्थ्य को जोड़ने वाली एक प्रणाली है, इसलिए सरकार ने आयुर्वेद , योग और अन्य आयुष पद्धतियों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में शामिल करने के लिए बल दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 3 वर्षों के दौरान 65 से भी अधिक आयुष अस्पतालों का विकास किया गया है। स्वास्थ्य देखभाल लोगों की बेहतर पहुंच बनाने के लिए नए एम्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने स्टेंट और घुटना इम्प्लांट्स की कीमतों पर सीमा तथा किफायती कीमतों पर दवाईयां प्रदान करने के लिए जन औषधि केंद्रों की स्थापना जैसे उपायों का भी उल्लेख किया। आयुर्वेद के विकास के लिए प्रधानमंत्री के सुझाव- आयुर्वेद विशेषज्ञ एलोपैथी जैसी आयुर्वेदिक दवाएं तैयार करें। जिनसे तुरंत राहत मिले और कोई दुष्प्रभाव न हो। दवाओं की बेहतर पैकिंग हो। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी फंड का उपयोग करें। मौजूदा पाठ्यक्रम का पुनर्निर्धारण हो ताकि मानक स्तर कायम हो। आयुष व कृषि मंत्रालय किसानों को औषधीय फसलें लगाकर आय बढ़ाने की सलाह दें। आयुर्वेद संस्थान की खासियत- नई दिल्ली के सरिता विहार क्षेत्र में 10 एकड़ में लगभग 157 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। यहां कई क्षेत्र में पोस्ट-ग्रेजुएट और पीएचडी प्रोग्राम शुरू होगा। पंचकर्म टेक्नीशियन कोर्स भी करवाया जाएगा। यह दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है। यहां बाल रोग, मौलिक सिद्धांत, पंचकर्म, प्रसूति और स्त्री रोग, शल्य तंत्र विभाग हैं।