Buddhadarshan News, New Delhi
यदि वास्तव में आप कुदरत प्रेमी हैं और आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं तो डॉ. धर्मेंद्र पटेल द्वारा शुरू किए गए ‘नीम पीपल तुलसी’ संरक्षण अभियान से आप भी जुड़िए और अपने आसपास के दिव्यांग अथवा बीमार पीपल या किसी भी अन्य बीमार पेड़ को गोद लीजिए और उसकी तब तक सेवा कीजिए, जब तक वह स्वस्थ न हो जाए। एक स्वस्थ पेड़ ही हमारी आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ रखेगा।
डॉ.धर्मेंद्र पटेल ने पांच दिव्यांग पीपल को गोद लेकर इस अभियान की शुरूआत की है। डॉ.धर्मेंद्र पटेल ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए गांव-समाज से लेकर सोशल साइट पर भी अभियान चला रहे हैं। आप खुद जगह-जगह पौधे लगाते रहते हैं।
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आप किसी के जन्मदिन अथवा समारोह में गिफ्ट के तौर पर पीपल, नीम और तुलसी के पौधे भेंट करते हैं।
अपने गांव से शुरू किए अभियान:
पेशे से होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ.धर्मेंद्र ने 1991 में अपने गांव (जहानाबाद के करपी प्रखंड के हामिनपुरतेरा) में पीपल के 40 पौधे लगवाकर इस अभियान की शुरूआत की। ये पौधे घरों की दीवारों से उखाड़कर लाए थे। गांधी मैदान सहित कई स्थानों पर पौधे लगाए।
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डॉ.धर्मेंद्र कहते हैं कि राज्य सरकार सभी अस्पताल परिसरों में नीम के पौधे लगाए और उन्हें सुरक्षा देकर पेड़ के तौर पर विकसित होने में सहयोग करे। नीम के दातून रोगमुक्त होते हैं। इसका तेल काफी महंगा होता है।
पीपल से 24 घंटे मिलती है ऑक्सीजन:
डॉ.धर्मेंद्र कहते हैं कि पीपल से 24 घंटे ऑक्सीजन मिलती है। इसके पत्ते हृदय रोग सहित कई रोगों में काम आते हैं। तुलसी के पत्ते काफी लाभदायक हैं। पीपल मनुष्य, पशु और पक्षियों का आश्रय स्थल है। छाया देते हैं। उसके फल को पक्षी बारिश के मौसम में खाते हैं।