we brought Buddha: Modi
Some brought war, we brought Buddha
Buddhadarshan News, New Delhi/ Hanoi
वियतनाम यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग युद्ध लेकर यहां आए, हम बुद्ध लेकर आए।
वियतनाम दौरा के दौरान प्रधानमंत्री शनिवार को 1000 साल पुराने बौद्ध मंदिर कुआन सू पगोडा पहुंचे।
उन्होंने अशांति फैलाने वालों को नसीहत दी कि आज भी जो अशांति, आतंक के मार्ग पर जा रहे हैं, उनको वियतनाम से
सीख लेनी चाहिए। बम-बंदूक वाले वियतनाम से सीखें, जो बुद्ध के रास्ते पर चला।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग यहां युद्ध करने आए, हम यहां शांति का संदेश लेकर आए। युद्ध ने आपको दुनिया से दूर किया, बुद्ध ने
आपको भारत से जोड़ दिया।
बता दें कि 1960 के दशक में वियतमनाम और अमेरिका के बीच लंगा संघर्ष चला, इसके बाद चीन के साथ भी वियतनाम का युद्ध हो
चुका है।
बौद्ध भिक्षुओं को वाराणसी आने का न्यौता:
बौद्ध मंदिर कुआन सू पगोडा का दर्शन करने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बौद्ध भिक्षुओं से बातचीत के बाद बुद्ध की धरती को
जानने के लिए वियतनाम के लोगों को भारत आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने हनोई के कुआन सु पगोडा का दौरा किया और
मंदिर में पूजा-अर्चना की। वहां प्रधानमंत्री का भिक्षुओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रधानमंत्री बांस के बांस से बने उस घर को देखने भी पहुंचे, जहां महान नेता हो ची मिन रहते थे।
उन्होंने अपने वियतनामी समकक्ष गुयेन जुआन फुक के साथ मछली पकड़ने का आनंद भी लिया।
मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वियतनाम सभी को प्रेरणा देता है कि हिंसा को छोड़कर बुद्ध के शांति
और सामंजस्य के मार्ग को अपनाना चाहिए।
भारत-वियतनाम के संबंध 2 हजार साल पुराने
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-वियतनाम के संबंध दो हजार साल पुराने हैं।
बौद्ध धर्म और हिंदू चाम सभ्यता के बीच जुड़ाव में सबसे ज्यादा नजर आते हैं।
कुछ लोग यहां युद्ध के इरादे से आते हैं लेकिन हम शांति का संदेश लेकर आए हैं जो कायम है।
उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म समुद्र मार्ग के जरिए अपने सबसे पवित्र रूप में भारत से वियतनाम पहुंचा है।
राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद भी आ चुके हैं-
प्रधानमंत्री मोदी से पहले 1959 में भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद यहां आए थे।
वे राष्ट्रपति भवन में स्थित हो ची मिन का बांस का घर देखने भी पहुंचे।
यहां उनके साथ प्रधानमंत्री फुक भी थे। चिन इस घर में वर्ष 1958 से 1969 तक, मौत से पहले तक रहे थे।
वियतनाम का राष्ट्रीय दिवस शुक्रवार (2 सितंबर) को था, जिसके लिए मोदी ने वियतनामी जनता को बधाई दी।
यहां उन्होंने वियतनाम के राष्ट्रीय नायकों और शहीदों के स्मारक पर पुष्प भी अर्पित किए।