बाण सागर परियोजना का एक-एक बूंद मां विंध्यवासिनी का प्रसाद
Buddhadarshan News, Mirzapur
लगभग 40 सालों के लंबे इंतजार के बाद रविवार को मिर्जापुर-इलाहाबाद वासियों को लगभग 3400 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित एशिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना की सौगात मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का लोकार्पण करने के बाद उन्होंने विंध्यक्षेत्र के वासियों से पानी की एक-एक बूंद की बचत करने का वचन लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बाण सागर परियोजना से आने वाला पानी का एक-एक बूंद मां विंध्यवासिनी का प्रसाद है। आप इसे नुकसान मत कीजिएगा। जनसभा में उपस्थित मिर्जापुर-इलाहाबादवासियों ने एक सुर में कहा कि वे पानी की बचत करेंगे।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मिर्जापुर में लगभग 4000 करोड़ रुपए से ज्यादा की 6 मेगा परियोजनाओं की सौगात दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि हम वंचितों एवं गरीबों के हक के लिए जीवनभर संघर्षरत यश:कायी डॉ.सोनेलाल पटेल जी के सपनों को पूरा करने के लिए ईमानदार प्रयास कर रहे हैं। इसी के तहत प्रधानमंत्री ने दो परियोजनाओं बाण सागर परियोजना और चुनार में गंगा पर नवनिर्मित पुल का लोकार्पण किया। इसके अलावा राजकीय मेडिकल कॉलेज (250 करोड़ रुपए), राजमार्ग 76 ई (219 करोड़ रुपए), 30 वेलनेस सेंटर और बेलवन नदी पर सेतु एवं पहुंच मार्ग (32.16 करोड़ रुपए) का शिलान्यास किए।
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100 जन औषधि केंद्रों का शुभारम्भ:
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में प्रथम चरण में खुलने वाले 100 जन औषधि केंद्रों का शुभारम्भ किया। इन केंद्रों पर लगभग 800 आवश्यक दवाइयां नियंत्रित मूल्यों पर मिलेंगी।
मोरार जी देसाई ने बाण सागर परियोजना की रखी थी नींव:
आज से 40 साल पहले 14 मई 1978 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई ने इस सिंचाई परियोजना की नींव रखी थी। इस परियोजना का लाभ यूपी के साथ मध्य प्रदेश और बिहार को मिलेगा। लागत के अनुसार यह एशिया की सबसे बड़ी परियोजना है। मिर्जापुर-इलाहाबाद में 1.70 लाख हेक्टेयर खेतों में सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इस परियोजना से 425 मेगावाट बिजली का भी उत्पादन होगा।