Organization of International Tripitaka Sangayan in Bodhgaya.
Buddhadarshan News, Lucknow
भगवान बुद्ध की तपस्थली बोधगया में 2 दिसम्बर से अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक संगायन का आयोजन किया जा रहा है।
यह संगायन 12 दिसम्बर तक चलेगी।
उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि संगायन में लगभग 10 हजार बौद्ध श्रद्धालु हिस्सा ले रहे हैं।
इसमें दक्षिण पूर्व एशिया के अलावा यूरोप एवं भारत के सभी प्रांतों से बौद्ध श्रद्धालु, भिक्खु एवं भिक्खुनी हिस्सा ले रहे हैं।
इस अवसर पर महाबोधि महाविहार परिसर स्थित बोधिवृक्ष Bodhi Tree के नीचे भगवान बुद्ध के उपदेशों का निरन्तर पाठ किया जा रहा है।
विश्व बौद्ध समुदाय का भारत में यह सबसे बड़ा वार्षिक आयोजन है, जो विगत दो दशकों से लगातार जारी है।
बोधगया में आयोजित अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक संगायन में उत्तर प्रदेश पर्यटन द्वारा राज्य में स्थित भगवान गौतम बुद्ध से जुड़े स्थलों का बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
एलईडी स्क्रीन पर लगातार उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों का वीडियो प्रसारित किया जा रहा है।
एयरपोर्ट से लेकर बोधगया महाविहार तक जगह-जगह उत्तर प्रदेश के बौद्ध स्थलों की होर्डिंग लगी है।
संगायन में दुनियाभर से लगभग 10 हजार बौद्ध श्रद्धालु हिस्सा लेने बोधगया पहुंचे हैं।
बौद्ध स्थलों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश न केवल भारत के सभी प्रांतों की तुलना में समृद्ध है बल्कि विश्व प्रसिद्ध भी है।
भगवान बुद्ध ने पहला धम्मोपदेश सारनाथ में दिया था।
भगवान ने सर्वाधिक वर्षावास श्रावस्ती में किए।
कौशाम्बी में वर्षावास व्यतीत करने के साथ उपदेश दिया था।
देवलोक में अपनी माता महामाया को अभिधम्म का उपदेश देकर भगवान ने देवलोक से संकिसा में अवतरण किया।
कुशीनगर में महापरिनिर्वाण को प्राप्त हुए।
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