Buddhadarshan News, New Delhi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनैतिक सफर में संत कबीर दास के संदेश बहुत मायने रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में जहां लोकसभा चुनाव संत कबीर दास की जन्मस्थली काशी से लड़े थे, तो अब 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार की शुरूआत संत कबीर की समाधि मगहर (नर्क का द्वार) से शुरू करेंगे।
चूंकि कबीर दास के संदेश भारतीय समाज में फैली कुरीतियों, आडंबरों के खिलाफ थे। कबीर दास जीवन भर रूढ़िवाद के खिलाफ समाज को जाग्रत करते रहें। उनके संदेश मानव जीवन में बहुत मायने रखते हैं। रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास के बाद पिछले 1200 सालों में सर्वाधिक लोकप्रिय संत कबीर दास हुए।
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मगहर में ली थी समाधि:
आज से पांच सौ साल पहले यह प्रचलित था कि यदि काशी में कोई पैदा होता है तो उसे स्वर्ग मिलेगा और मगहर में मरता है तो उसे नरक में जाना पड़ेगा। इस कुरीति को खत्म करने के लिए कबीर दास जीवन के अंतिम समय काशी से लगभग 188 किमी दूर मगहर चले गए और वहीं पर उन्होंने समाधि ली।
कबीर अकादमी की आधारशिला रखेंगे मोदी:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जून 2018 को उत्तरप्रदेश में संत कबीर नगर जिले के मगहर जाएंगे। प्रधानमंत्री मगहर में महान संत और कवि कबीरदास की 500 वीं पुण्यतिथि के मौके पर उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और उनकी मजार पर चादर चढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री संतकबीर गुफा का भी दौरा करेंगे। कबीर अकादमी में संत कबीर के उपदेशों और विचारों के प्रचार प्रसार पर जोर दिया जाएगा।
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2019 का फूकेंगे बिगुल:
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव का प्रचार भी मगहर से शुरू करेंगे और भारतीय जनमानस को कट्टरवाद, रूढ़िवाद के खिलाफ एक सकारात्मक संदेश देंगे।