Buddhadarshan News, New Delhi
भगवान बुद्ध के पवित्र स्थल कुशीनगर और सारनाथ के बीच आवागमन तेज होगा।
इन दोनों प्रमुख स्थलों को जोड़ने के लिए भटनी-औड़िहार रेलवेलाइन का दोहरीकरण और विद्युतीकरण किया जाएगा।
केंद्रीय रेलमंत्रालय के इस कदम से वाराणसी और गोरखपुर के बीच आवागमन में तेजी आएगी।
यात्रा में यात्रियों को काफी कम समय लगेगा।
केंद्रीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है,
“भटनी-औड़िहार रेलवे लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण से देश की आध्यात्मिक नगरी वाराणसी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी।
इससे तीर्थाटन और पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।”
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कैबिनेट कमेटी ने 1300.09 करोड़ रुपए की इस परियोजना को हरी झंडी दे दी है।
यह परियोजना 2021-22 तक पूरा हो जाएगी। इसके तहत 116.95 किमी की दोहरीकरण और विद्युतीकरण की जाएगी।
सारनाथ-कुशीनगर आएंगे करीब-
केंद्र सरकार के इस पहल से भगवान बुद्ध से संबंधित सारनाथ और कुशीनगर के बीच यात्रा समय में कमी आएगी।
गोरखपुर से वाराणसी के बीच 224 km की दूरी है।
फिलहाल पर्यटक सारनाथ से कुशीनगर जाने के लिए वाराणसी से गोरखपुर आते हैं।
यहां से सड़क मार्ग के जरिए कुशीनगर जाते हैं।
लेकिन औड़िहार से भटनी तक सिंगल लाइन होने की वजह से एक्सप्रेस ट्रेनों को भी काफी वक्त लगता है।
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सारनाथ:
भगवान बुद्ध ने यहां पर अपना पहला उपदेश दिया था।
दुनिया की प्राचीन नगरी वाराणसी से सारनाथ की दूरी लगभग 10 km है।
कुशीनगर:
गोरखपुर से कुशीनगर की दूरी 51 km है।
भगवान बुद्ध ने यहां पर अपने शरीर का त्याग किया था।
वाराणसी-गोरखपुर के बीच आवागमन होगा तेज-
वाराणसी और गोरखपुर दोनों शहर राजनैतिक, अध्यात्मिक और धार्मिक तौर पर भारत सहित विश्व में प्रसिद्ध हैं।
इस परियोजना के पूरा होने से पूर्वांचल में इन दोनों शहरों के बीच आवागमन तेज होगा।
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