How to reach Kintur village to visit Parijat tree?
Buddhadarshan news, Barabanki
सर्व कामनाओं को पूर्ण करने वाले पारिजात वृक्ष को कल्पतरू या कल्प वृक्ष भी कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुंद्र मंथन से प्रकट 14 रत्नों में शामिल पारिजात वृक्ष को देवगण स्वर्ग ले गए। अज्ञातवास के समय अर्जुन ने अपने तपोबल से इस वृक्ष को पृथ्वी पर लाए।
यह वृक्ष प्राचीन समय से ही पूज्यनीय है। माना जाता है कि इस अलौकिक एवं अद्वितीय वृक्ष के समान विश्व में दूसरा वृक्ष नहीं है।
वृक्ष का तना लगभग 10 मीटर मोटाई का है। अगस्त के महीने में इसमें सफेद रंग के फूल आते हैं, जो सूखने पर सुनहले हो जाते हैं।
बाराबंकी में स्थित है पारिजात वृक्ष:
यह वृक्ष बाराबंकी जिला मुख्यालय से 38 किलोमीटर दूर किन्तूर गांव में स्थित है। यह वृक्ष सरकार द्वारा संरक्षित है।
कैसे पहुंचे पारिजात वृक्ष स्थल:
बाराबंकी के सामाजिक व्यक्ति एवं पत्रकार डॉ.राजेश वर्मा कहते हैं कि
पारिजात वृक्ष स्थल पर जाने के लिए दो मार्ग हैं। पहला मार्ग लखनऊ-बहराइच हाईवे पर रामनगर होते हुए किन्तूर जा सकते हैं। यदि आप अयोध्या से लखनऊ आ रहे हैं तो सफदरजंग से बदोंसराय रोड होते हुए किन्तूर गांव पहुंच सकते हैं।
बाराबंकी से किन्तूर गांव 38 किमी और लखनऊ से लगभग 63 किमी दूर है। लखनऊ बहराइच हाईवे पर घाघरा नदी से पहले यह गांव स्थित है।
ट्रेन से कैसे पहुंचे किन्तूर:
ट्रेन से आप लखनऊ, बाराबंकी अथवा जरवल रेलवे स्टेशन तक पहुंच सकते हैं। इसके बाद आप टैक्सी के जरिए किन्तूर गांव आसानी से जा सकते हैं।
बस से कैसे पहुंचे किन्तूर:
बस से आप बाराबंकी के रामनगर तक पहुंच सकते हैं। इसके आगे आपको टैक्सी अथवा ऑटो बुक के जरिए किन्तूर गांव जा सकते हैं। इसी तरह लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर सफदरगंज वाया बदोसराय होते हुए बस से जा सकते हैं।
फ्लाइट से कैसे पहुंचे किन्तूर गांव:
लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के अन्य इंटरनेशनल एवं डॉमेस्टिक एयरपोर्ट से वेल कनेक्ट है। एयरपोर्ट उतरकर आप टैक्सी के जरिए किन्तूर गांव स्थित पारिजात वृक्ष स्थल तक जा सकते हैं।
नोट: किन्तूर गांव में ठहरने के लिए होटल अथवा रेस्टोरेंट की सुविधा नहीं है। किन्तूर से रामनगर कस्बा नजदीक है अथवा बाराबंकी स्थित होटल में ठहरा जा सकता है।