Buddhadarshan News, New Delhi
भारत सहित पूरे विश्व में सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाई गई। आज ही के दिन 563 ईस्वी पूर्व भगवान बुद्ध का जन्म नेपाल की तराई में एक राजघराने में हुआ था। इसके अलावा आज ही के दिन बोध गया में पीपल के पेड़ के नीचे भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समय की मांग है कि संकट से अगर विश्व को बचाने के लिए बुद्ध का करुणा प्रेम का संदेश काम आता है तो बुद्ध को मानने वाली शक्तियों को सक्रिय होनी चाहिए ।
बुद्ध जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने संघ दान अर्पित किया। उन्होंने सारनाथ के केंद्रीय उच्चतर तिब्बती अध्ययन संस्थान और बौद्ध गया के अखिल भारतीय भिक्षु संघ को वैशाख सम्मान प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों ने कई देशों को आकार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी एक आक्रांता देश नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के अष्ट धर्म संघ मार्ग के जरिए हम अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
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केंद्र सरकार भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक व्यापक विजन के साथ कार्य कर रही है, जिसमें भगवान बुद्ध के साथ जुड़ी विरासत शामिल है। बौद्ध परिपथ के लिए 360 करोड़ रुपए की राशि अनुमोदित की गई है।
अनुप्रिया पटेल ने भगवान बुद्ध को किया नमन :
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने शांति, अहिंसा, करूणा, मानवता और दया का संदेश सम्पूर्ण विश्व को देने वाले महामना गौतम बुद्ध को याद करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने समस्त देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें दीं।