शुरू हुआ वाराणसी से कोलकात्ता तक जलमार्ग यात्रा, कारों की कीमत में आएगी 5 हजार रुपए की गिरावट
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र और धार्मिक नगरी वाराणसी से कोलकात्ता तक नदी मार्ग से शुक्रवार को माल ढुलाई का कार्य शुरू हो गया। केंद्रीय सड़क, राजमार्ग और जल परिवहन मंत्री Nitin Gadakari ने Varanasi के अघोरेश्वर भगवान राम घाट से मारुति सुजुकी की कारों और अन्य निर्माण सामग्री से लदे दो जलपोत (Ship) V.V. GIRI और Vasudev में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि जलमार्ग परियोजना उत्तर प्रदेश के विकास का इंजन साबित होगी। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री Anupriya Patel और महेंद्र नाथ पांडेय भी मौजूद थे।
लगभग 1400 टन क्षमता का एमवी जाय बासुदेव में बिल्डिंग मैटेरियल और 300 टन क्षमता का एमवी वीवी गिरि मारुति सुजुकी की असेंबल्ड कारें व निर्माण सामग्री लदी हैं। हम 20 हजार किलोमीटर नदी किनारों तथा 7500 किलोमीटर लंबे समुद्र तट का 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश से विकास करेंगे।
राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का विकास जल मार्ग विकास परियोजना के जरिए किया जा रहा है। यह परियोजना World Bank की मदद से शुरू की जा रही है। इस पर 4200 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इससे वाराणसी से हल्दिया तक Ganga के जरिए भारी पोतों की आवाजाही सुनिश्चित होगी।
कारों की कीमत में आएगी 5 हजार रुपए की कमी-
गडकरी ने कहा कि जलमार्गों के जरिए कारों के परिवहन से West Bengal में इनकी लागत 5 हजार रुपये तक कम होगी। जलमार्गों के प्रोत्साहन से केवल उत्तर प्रदेश में ही 4 से 5 लाख लाख रोजगार पैदा होंगे।
111 नदियों को जलमार्ग के अनुकूल बनाया जाएगा-
गडकरी ने कहा कि संसद ने देश भर की 111 नदियों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित करने संबंधी एक महत्वपूर्ण विधेयक इसी साल पारित किया है। अब तक केवल पांच नदी खंडों को ही राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। सरकार इस दिशा में त्वरित काम के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि इस परियोजना के शुरू होने से Uttar Pradesh ,Bihar , Jharkhand और West Bengal के जलमार्ग में विकास होगा।
सस्ता है जल परिवहन-
विशेषज्ञों के मुताबिक सड़क मार्ग से मालभाड़ा किराया ढाई रुपए, रेल मार्ग से सवा दो रुपए और जलमार्ग से महज 1.5 रुपए ही खर्च आता है। इससे परिवहन किराया सस्ता होने के साथ ही वस्तुओं की कीमतों में भी गिरावट आएगी। साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी।
रो-रो सुविधा मिलेगी-
नदी मार्ग में पांच ऐसे स्थान बनाए जाएंगे, जहां पर लोग कार सहित जलपोत पर सवार हो सकेंगे और यात्रा कर सकेंगे।
एयरक्रॉफ्ट से होगी लैंडिंग-
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जहाज पर Aircraft की लैंडिंग की भी सुविधा होगी। अगली बार जब वह काशी आएंगे तो गंगा में विमान से जहाज पर उतरेंगे।
10 शहरों में होगी फेरी सर्विस-
इस मार्ग के शुरू होने से असम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी जलमार्ग से माल की ढुलाई होगी। इसके अलावा बंग्लादेश और म्यांमार तक माल की ढुलाई हो सकेगी। साथ ही बिहार के कालूघाट को Nepal से जोड़ा जाएगा। गंगा में 45 मीटर चौड़ी और 3 मीटर ड्रेजिंग होगी।
जलमार्ग परियोजना एक नजर-
-गंगा, ब्रह्मपुत्र में 1620 किलोमीटर चलेगा जलमार्ग
-विकास कर लगभग 53 मिलियन टन मॉल की ढुलाई का लक्ष्य
-वर्ष 2017 तक 1.5 मिलियन टन, वर्ष 2020 तक 2.1 मिलियन टन, 2025 तक 6.2 मिलियन टन और 2035 तक 10 मिलियन टन का लक्ष्य