Budhadarshan News, New Delhi
वर्तमान समय में प्लास्टिक कचरा का प्रबंधन भी सरकारी एजेंसियों के लिए एक नया सिर दर्द बनता जा रहा है, जिसे दूर न किया गया तो आने वाले समय में हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए यह घातक साबित हो सकता है। हालांकि उचित प्रबंधन के जरिए इस समस्या को हम काफी हद तक दूर कर सकते हैं। इसके लिए आपको उत्तरी दिल्ली नगर निगम (नार्थ एमसीडी) से नसीहत ले सकते हैं। उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने प्लास्टिक की खाली बोतलों से खूबसूरत वर्टिकल गार्डन बना दिया है।
तुर्कमान गेट स्थित नॉर्थ एमसीडी का प्राइमरी स्कूल इन दिनों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इसकी वजह स्कूल की दीवार पर बना खूबसूरत वर्टिकल गार्डन है। कोल्ड ड्रिंक की दो लीटर की खाली बोतलों का इसमें इस्तेमाल किया गया है। मेन रोड के बाहर से दिखने वाली स्कूल की दीवार और स्कूल के अंदर साइडों की दीवार पर करीब दो हजार बेकार बोतलों का इस्तेमाल कर वर्टिकल गार्डन बनाया गया है। इस गार्डन को कॉरपोरेट सोशल रिस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) के तहत द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने तैयार किया है। प्लास्टिक बोतल, पौधे और गार्डन में इस्तेमाल होने वाला सारा सामान आईसीएआई का है। एमसीडी ने सिर्फ अपना स्कूल और गार्डन के लिए पानी का इंतजाम किया है। बाहर सड़क से देखने पर यह गार्डन बहुत ही खूबसूरत दिखाई दे रहा है, जिसकी भी नजरें इस पर टिकेंगी, वह इसे देखे बिना नहीं रहेगा।
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अन्य स्थानों पर भी बनेंगे वर्टिकल गार्डन:
प्लास्टिक कबाड़ से वर्टिकल गार्डन अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत तैयार किए जा रहे हैं। तुर्कमान गेट स्कूल के अलावा निगम बोध घाट, कुदेसिया घाट, राउज ऐवेन्यू, किशनगंज में प्लास्टिक कबाड़ से वर्टिकल गार्डन बनाए जा रहे हैं। इन स्थानों पर भी दो हजार से लेकर चार हजार तक खाली बोतलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। यदि पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो अन्य जगहों पर भी ऐसे वर्टिकल गार्डन बनाए जाएंगे।
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‘हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्लास्टिक के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम के साथ हैं। इसी के मद्देनजर प्लास्टिक की बेकार बोतलों से वर्टिकल गार्डन बनाए जा रहे हैं। अभी शुरुआत है लेकिन आने वाले दिनों में इसका विस्तार किया जाएगा। हमारी लोगों से अपील है कि कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करें, ताकि वातारण स्वच्छ रह सके।’
-आदेश गुप्ता, मेयर, नॉर्थ एमसीडी