The path of devotees will be easy on the 84 kosi parikrama route of Naimisharanya
Buddhadarshan News, Lucknow
नैमिषारण्य Namisharanya के प्रसिद्ध 84 कोस की परिक्रमा करने वाले श्रद्धालुओं की राह और आसान होने वाली है।
पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद ने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु दो परियोजनाओं को मंजूरी दी है।
इसके तहत क्रमशः 1828.23 लाख रुपये एवं 1821.29 लाख रुपये की दो सड़कों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
इसके अलावा सीतापुर में छोटी मिश्रिख पंच कोसीय परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 1379.94 लाख रुपये के कार्यों पर अनुमति प्रदान की गई है।
लोक निर्माण मंत्री कहा कि उत्तर प्रदेश में धमार्थ मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं विकास हेतु एक मुश्त व्यवस्था योजना के अंतर्गत सड़क के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान किया गया है। इसके तहत 84 कोषीय मार्ग नीमसार से अरबगंज वाया भैरमपुर सम्पर्क का 5.4 किलोमीटर लम्बाई में 1828.11 लाख रुपये की लागत से के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया जायेगा। इसी प्रकार दधनाऊ मार्ग से तेजीपुरवा मार्ग का 6.9 किलोमीटर लम्बाई में 1821.29 लाख रुपये की राशि से चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य होगा।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि सीतापुर में छोटी मिश्रिख पंच कोसीय परिक्रमा मार्ग का 4.9 किलोमीटर लम्बाई में चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 1379.94 लाख रुपये के कार्यों पर अनुमति प्रदान की गई है।
साथ ही अधिकारियों को तय समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य हेतु सख्य निर्देश भी दिये गये हैं।
उन्होंने कहा 84 एवं पंच कोसी परिक्रमा मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण से श्रृद्धालुओं को परिक्रमा करने में आसानी होगी, वहीं स्थानीय नागरिकों को भी आवागमन के लिए चौड़ी और अच्छी सड़क मिलेगी।
श्री प्रसाद ने कहा कि सीतापुर के नैमिषारण्य मिश्रिख तीर्थ की 84 कोसीय परिक्रमा मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण का निर्माण किया जाना जनउपयोगी है।
उन्होंने कहा कि सीतापुर में प्रतिवर्ष होली के पावन पर्व से पूर्व नैमिषारण्य क्षेत्र में 84 कोसीय परिक्रमा का आयाजेन होता है, जिसमें कुल 11 पड़ाव हैं।
जिसमें से सीतापुर में 07 एवं हरदोई में 04 पड़ाव स्थित हैं।
इस परिक्रमा में सम्मिलित होने के लिए लाखों श्रद्धालू देश विदेश से आते हैं एवं परिक्रमा के अन्तर्गत पड़ने वाले विभिन्न पडावों पर रात्रि विश्राम करके परिक्रमा पूरी करते हैं।
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