-नौ सेना के साथ मिलकर डीडीए बनाएगा द्वारका सेक्टर 16 में 1550 स्टूडियो अपार्टमेंट
बलिराम सिंह, नई दिल्ली
शहरीकरण और बदलते सामाजिक परिवेश का एक और प्रतिकूल असर हमारे सामाज पर तेजी से फैलता जा रहा है। शहरों में बुजुर्ग अकेले होते जा रहे हैं और उनकी देखरेख की समस्या भी गंभीर होती जा रही है। रोजगार की वजह से युवाओं का अपने शहर पलायन करना भी समस्या की एक वजह है। ऐसी समस्याओं को देखते हुए दिल्ली विकास प्रािधकरण ने बुजुर्गों के लिए एक अलग तरह की अनोखी योजना लाया है। इसके तहत डीडीए सेवानिवृत बुजुर्गों को किराए पर मकान देगा। डीडीए ने इस बाबत भारतीय नौसेना के साथ एक करार किया है। योजना के तहत द्वारका सेक्टर 16 में 1550 स्टूडियो अपार्टमेंट का निर्माण किया जाएगा।
बदलते दौर में एकल परिवार की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसके साथ ही बुजुर्गों की समस्याएं भी बढ़ती जा रही है। इसी के तहत डीडीए ने नौ सेना के साथ मिलकर ओल्ड ऐज होम के निर्माण की योजना बनाई है। ये होम अगले चार सालों में बनकर तैयार हो जाएंगे। हालांकि इस संपत्ति पर आवंटी को मालिकाना हक नहीं मिलेगा, लेकिन उसे जीवन भर के लिए आवास में रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यहां पर प्रत्येक बुजुर्ग को एक सामान सामाजिक माहौल दिया जाएगा। नौ सेना के सेवानिवृत कर्मचारियों को 200 अपार्टमेंट दिए जाएंगे। इसके अलावा शेष अपार्टमेंट अन्य सरकारी विभागों के सेवानिवृत कर्मचारियों को दिया जाएगा।
12 एकड़ जमीन पर बनेगा अपार्टमेंट-
योजना के तहत द्वारका सेक्टर 16 में लगभग 12 एकड़ भूभाग पर ओल्ड ऐज होम का निर्माण किया जाएगा। यहां पर 462 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 1550 स्टूडियो अपार्टमेंट का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक की एरिया लगभग 550 वर्ग फीट होगा। निर्मित क्षेत्र का 10 फीसदी हिस्सा व्यावसायिक सुविधाओं के लिए दिया जाएगा।
मैट्रो कनेक्टिविटी की सुविधा की जाएगी मुहैया-
योजना पूरा होने के बाद इसे मेट्रो की कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा और इसमें मनोरंजनात्मक और स्वास्थ्य देखभाल की सुविधाओं सहित नर्सिंग एवं एंबुलेंस सेवाएं भी होंगी। बुजुर्गों के लिए उपलब्ध सुविधाओं के लिए विशेष तौर पर डिजायन किया जाएगा। जिसमें स्नानघर और शौचालयों में फिसलने की समस्या न हो। हैंडरेल और रैंम्पस जैसी सुविधाओं की भी व्यवस्था होगी।
आवंटी की मौत के बाद पति अथवा पत्नी को मिल सकती है सुविधा-
हालांकि ये अपार्टमेंट जीवन भर के लिए किराए पर दिए जाएंगे, लेकिन किसी आवंटी की मौत के बाद उसके पति अथवा उसकी पत्नी को भी ये आवास मिल सकते हैं। लेकिन इन आवंटियों को ये संपत्ति किसी को भी हस्तांतरित अथवा विक्रय की अनुमति का अधिकार नहीं हाेगा। आवंटी की मृत्यु के बाद डीडीए इस मकान को प्रतीक्षा सूची में अगले व्यक्ति को पुन: आवंटित कर देगी।
8.2 लाख रुपए करने होंगे जमा-
प्रत्येक आवंटी को पंजीकरण के दौरान 2.2 लाख रुपए का भुगतान करना होगा, जिसमें से 20 हजार रुपए पंजीकरण शुल्क होगा। इसके अलावा आवंटन के समय 6 लाख रुपए और जमा करना होगा।
प्रतिमाह 10 हजार रुपए जमा करने होंगे-
फ्लैट के रखरखाव के लिए प्रति महीने 10 हजार रुपए दिया जाएगा। इसमें 3 हजार रुपए रखरखाव के तौर पर आउटसोर्सिंग को दिया जाएगा और 7 हजार रुपए डीडीए को निर्माण लागत को आंशिक रूप से पूरा करने के लिए जमा किया जाएगा।