Buddhadarshan News, New Delhi
भारत की जीवनदायिनी नदी गंगा को प्रदूषणमुक्त करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का अभियान रंग लाता दिख रहा है। गंगा की सफाई को लेकर केंद्रीय मंत्री गडकरी का लंदन दौरा सफल होता दिख रहा है। केंद्रीय मंत्री ने भारत सरकार की तरफ से कई मल्टीनेशनल कंपनियों से करार किया है। गंगा किनारे स्थित प्रमुख शहरों में घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए चार मल्टीनेशनल कंपनियों और नदी की सफाई के लिए पांच मल्टीनेशनल कंपनियों से करार हुआ है। मल्टीनेशनल कंपनी हिन्दुजा ग्रुप हरिद्वार के घाटों का विकास और यहां पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी। इनके अलावा कानपुर, पटना और कोलकात्ता के गंगा सागर के पास घाटों का निर्माण और सौंदर्यीकरण का कार्य अन्य तीन प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनियां करेंगी। साथ ही कई अन्य कंपनियों और लोगों ने व्यक्तिगत तौर पर गंगा से जुड़ी लगभग 200 प्रोजेक्ट में रूचि दिखाई है।
गंगा की स्वच्छता को लेकर 28 नवंबर को लंदन में रोड शो का आयोजन भी किया गया। रोड शो में लंदन में रहने वाले भारतीय प्रवासी, उद्योगपतियों और कारोबारियों ने हिस्सा लिया।
गंगा किनारे घाटों का निर्माण, बुनियादी सुविधाएं विकसित करने, रिवर फ्रंट का विकास, शवदाह केंद्र, पार्क इत्यादि सुविधाओं के विकास के लिए सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी) के तहत कॉरपोरेट कंपनियां लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च करेंगी। ये प्रोजेक्ट्स इन कंपनियों द्वारा खुद विकसित और संचालित किए जाएंगे।
हरिद्वार, कानपुर, पटना, कोलकात्ता के सौंदर्यीकरण पर जोर-
हरिद्वार के घाटों का सौंदर्यीकरण एवं यहां पर बुनियादी सुविधाएं विकसित करने का कार्य हिन्दुजा ग्रुप करेगा। इसी तरह कानपुर में गंगा किनारे रिवरफ्रंट विकसित करने, घाटों की सफाई और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने का कार्य फॉरसाइट ग्रुप करेगा। पटना में रिवरफ्रंट विकसित करने और बुनियादी सुविधाएं विकसित करने का कार्य वेदांता ग्रुप और कोलकात्ता में गंगा सागर के पास घाट का विकास और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य इंडोरामा ग्रुप करेगी।
ये कंपनियां करेंगी नदी की सफाई-
नदी की सफाई के लिए लिंदन वाटर, सेल्टिक रिनेवेबल्स, मेबिफॉर्म, एनवीएच टेक्नॉलॉजी, आर्काटाप से करार हुआ है। ये कंपनियां गंगा की सफाई के लिए अपनी तकनीकी और साधन का इस्तेमाल करेंगी।