Buddhadarshan News, Lucknow
उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद स्थित बौद्ध स्थल रामग्राम Ramgram के पर्यटन विकास की परियोजना प्रदेश सरकार का पर्यटन विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही है, जिसके अन्तर्गत 827.43 लाख की धनराशि से पर्यटकों हेतु सुविधायें विकसित की जा रही हैं। इसके तहत गेस्ट हाउस, हाल, लैण्ड स्केपिंग, घाट का निर्माण तथा सोलर लाइट आदि का कार्य किया जा रहा है।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह Minister Jaiveer Singh ने बताया कि महराजगंज सांस्कृतिक, धार्मिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से प्रसिद्ध जनपद है। यहां महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल होने के कारण पूरे वर्षभर पर्यटकों का आगमन होता रहता है। इसके दृष्टिगत रामग्राम में पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधायें सुलभ कराने का निर्णय लिया गया है। सीमावर्ती जनपद होने के कारण यहां पर पर्यटकों के लिए तमाम दर्शनीय व प्राकृतिक स्थल के अलावा धार्मिक महत्व के पर्यटक स्थल भी मौजूद हैं। इस क्षेत्र में पर्यटन स्थलों के आसपास बुनियादी सुविधाओं के विकसित किये जाने से स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन सेक्टर तेजी से उभर रहा है। इसमें व्याप्त संभावनाओं का अधिकतम दोहन करने के लिए राज्य सरकार पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों के आसपास अवस्थापना सुविधायें विकसित करने का कार्य कर रही है।
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बौद्ध स्थल रामग्राम एक अति प्राचीन एवं प्रसिद्ध बौद्ध तीर्थ स्थल है, जिसे भगवान बुद्ध Lord Budda के ननिहाल के रूप में जाना जाता है। रामग्राम में प्राप्त अवशेषों से यह ज्ञात हुआ है कि यह स्थल कुषाणकाल से लेकर गुप्तकाल खण्ड का है। रामग्राम स्थित धातु चैत्य भगवान बुद्ध के अस्थि अवशेष पर बना है। बौद्ध ग्रन्थों के अनुसार जब गौतम बुद्ध ने कुशीनगर में महापरिनिर्वाण प्राप्त किया, तो विभिन्न जनपदों के राजा उनकी अस्थियों को लेने के लिए पहुँचे। संघर्ष की स्थिति न उत्पन्न हो इसके लिए प्रबुद्धजनों की राय से उनकी अस्थियों को आठ भागों में विभक्त किया गया। अस्थि का एक हिस्सा तत्कालीन कोलीय वंश के राजा महाकाल भी लेकर आये और अस्थियों पर स्तूप बनवा दिया। बाद में कुषाण व गुप्त कालखण्ड ने इसे विस्तृत रूप दिया गया। बौद्ध ग्रन्थों के मुताबिक सम्राट अशोक इस स्तूप का दर्शन करने आए थे। बुद्ध पूर्णिमा पर यहाँ अत्यधिक संख्या में लोग आते है।