Buddhadarshan News, New Delhi
Buddha an unifying force among BIMSTEC Countries: Culture Minister
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉं. महेश शर्मा ने वर्तमान समय में भगवान बुद्ध के शांति और सद्भाव के संदेश को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि इन संदेशों ने विभिन्न देशों को एक सूत्र में पिरोया है। डॉ. शर्मा 8 दिसंबर को नई दिल्ली में बोधि पर्व: बौद्ध विरासत के समृद्ध उत्सव का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ढाई सहस्राब्दी पहले दिए गए महात्मा बुद्ध के संदेश आज भी प्रासंगिक है और यह विभिन्न देशों के बीच एक कड़ी के रूप में विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि शांति, समग्रता और प्रेम व स्नेह के नैतिक मूल्य हमारे समाज में विद्यमान है और इन पर महात्मा बुद्ध और बौद्ध धर्म की शिक्षाओं का प्रभाव है। बोधि पर्व के अंतर्गत बौद्ध विरासत की घनिष्ठ परंपरा दर्शायी गई है इस दौरान भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध कलाओं और वास्तु की प्रदर्शनी, विशिष्ट शिक्षाविदों और बौद्ध धर्म के अनुयायी के बीच संवाद, बौद्ध संयासियों द्वारा बौद्ध धर्म के संदेशों का पाठ और चिंतन, बौद्ध धर्म पर फिल्मों का प्रदर्शन, नृत्य एवं संगीत, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं एवं खानपान के स्टॉल भी लगाए गए हैं। इससे बिमस्टेक देशों की समृद्ध और समान परपंरा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्रीय संगठन में बंगाल की खाड़ी के आसपास के सात सदस्य देश शामिल हैं जो एकता के बंधन में बंधे हैं। बिमस्टेक देशों ने इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूरे विश्व की आबादी का पांचवे हिस्से के बराबर इन देशों की संयुक्त रूप से जीडीपी 2 दशमलव 8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। डॉ. शर्मा ने कहा कि भारत बिमस्टेक को अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं नेबरहुड फस्ट और एक्ट ईस्ट की पूर्णता के लिए एक नैसग्रिक प्लेटफॉर्म के रूप में देख रहा है। उन्होंने कहा कि बोधी पर्व जैसे उत्सवों से बांण्ड बिमस्टेक के सवंर्द्धन में बहुत मदद मिलेगी।