नई दिल्ली
बुद्धा एजुकेशन फाउंडेशन ने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर रोहिणी के महाराजा अग्रसेन पार्क में कबीर दास जयंती मनाई। बुद्धा एजुकेशन फाउंडेशन के चेयरमैन डॉ. उदित राज ने संत कबीर दास द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों को लोगों को बीच में पहुँचाने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में डिप्टी मेयर और रोहिणी क्षेत्र से काउंसलर तारा चंद, कबीर पंथी संस्थान के साथ लगभग 100 रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और सी.पी.सोनी इत्यादि लोग मौजूद थे। इस कार्यक्रम का संचालन प्रोजेक्ट मेनेजर रचना कालरा के द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम में विद्धानों ने कहा कि संत कबीर का भारतीय संत परंपरा और साहित्य में विशिष्ट स्थान माना जाता है। कबीर दास को दो संस्कृतियों का संगम माना जाता है। सत्व,रज,तम तीनो गुणों को छोड़कर वे त्रिगुणातीत बन गए थे। उन्होंने निर्गुण रंगी चादरिया रे, कोई ओढ़े संत सुजान को चरितार्थ करते हुए सद्भावना और प्रेम की गंगा को प्रवाहित किया। उन्होंने इस निर्गुणी चादरिया को ओढा है। उन्हें जो दृष्टि प्राप्त हुई,उसमे अतीत और वर्तमान का वियोग नहीं है, योग है । उन्हें जो चेतना प्राप्त हुई, वह सत्य की पूजा नहीं करती बल्कि शल्य चिकित्सा करती है। सत्य की निरंकुश जिज्ञासा ही उनका जीवन धर्म रहा है।