बलिराम सिंह, नई दिल्ली
केंद्र की मोदी सरकार ने देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लोहा लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के पेंशन में 5225 रुपए की बढ़ोत्तरी की है। अब वर्ष में दो बार केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों पर लागू होने वाली महंगाई भत्ता प्रणाली स्वतंत्रता सेनानियों पर भी लागू होगी। अब तक औद्योगिक कामगारों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मौजूदा महंगाई राहत प्रणाली वार्षिक आधार पर स्वतंत्रता सेनानी पेंशनधारियों पर लागू होती थी।
अब स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना 1980 के तहत सभी स्वतंत्रता सेनानियों, जीवनसाथियों और मृत स्वतंत्रता सेनानियों के माता-पिता, योग्य पुत्री पेंशनधारियों को लाभ मिलेगा।
देश में है 11690 स्वतंत्रता सेनानी –
अब तक योजना के तहत कुल 171605 स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों को पेंशन स्वीकृत की गई है। फिलहाल इसके दायरे में 37981 स्वतंत्रता सेनानी और उनके योग्य आश्रित पेंशानधारी आते हैं। इनमें से 11690 खुद स्वतंत्रता सेनानी हैं। इसके अलावा 24792 जीवनसाथी (विधवा अथवा विधुर) और 1499 पुत्री पेंशनधारी हैं।
समय-समय पर शुरू की गई योजनाएं-
वर्ष 1969 में भारत सरकार ने पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में पूर्व अंडमान राजनीतिक बंदी पेंशन योजना शुरू की थी। वर्ष 1972 में हमारी स्वतंत्रता की 25 वीं वर्षगांठ की स्मृति में स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन के लिए एक नियमित योजना शुरू की गई थी। इसके बाद 1 अगस्त 1980 से प्रभावी होने वाली स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना नामक एक उदार योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा मृत स्वतंत्रता सेनानियों के जीवनसाथी (विधवा अथवा विधुर), अविवाहित और बेरोजगार पुत्रियों (एक समय में अधिकतम तीन) और माता-पिता पेंशन के लिए योग्य हैं।
नई पेंशन योजना, एक नजर-
पूर्व अंडमान राजनीतिक बंदी पेंशन अथवा जीवनसाथी-24775 से बढ़ाकर 30 हजार रुपए
ब्रिटिश राज्य से बाहर पीड़ित स्वतंत्रता सेनानी अथवा जीवनसाथी-23085 से बढ़ाकर 28 हजार रुपए
आईएनए सहित अन्य स्वतंत्रता सेनानी अथवा जीवनसाथी-21395 से बढ़ाकर 26 हजार रुपए
आश्रित माता –पिता – 3380 रुपए से बढ़ाकर 13 हजार से 15 हजार रुपए के बीच
आश्रित पुत्रियां – 5070 रुपए से बढ़ाकर 13 हजार से 15 हजार रुपए के बीच