आजादी की लड़ाई से लेकर देश को सर्वाधिक प्रधानमंत्री देने वाला भोजपुरी समाज आज खुद भोजपुरी की उपेक्षा का दंश झेल रहा है। मजे की बात यह है कि दुनिया के 14 देशों में लगभग 25 करोड़ लोग भोजपुरी बोलते हैं। बावजूद इसके भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की वर्षों पुरानी मांग आज भी अधूरी है। हुक्मरानों से आज भी हमें केवल आश्वासन ही मिलता है।
भाेजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के विभिन्न हिस्सों से आकर सोमवार को देश की राजधानी नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर लोगों ने धरना दिया और प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपा। बेतिया के सांसद डॉ.संजय जायसवाल ने भी संसद में इस मुद्दे को उठाया।
सांसद से लेकर भोजपुरी कलाकार तक पहुंचे जंतर-मंतर-
सोमवार को भोजपुरी जनजागरण अभियान द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बेतिया के सांसद डॉ.संजय जायसवाल से लेकर भोजपुरी कलाकार व भोजपुरी रंगमंच के लोकप्रिय कलाकार भीखारी ठाकुर (भोजपुरी के शेक्सपीयर) के नाटकों में सामाजिक आंदोलन के विषय पर पीएचडी कर रहीं सरिता साज भी जंतर-मंतर पहुंची।
जंतर-मंतर पर कार्यक्रम, एक नजर-
हमरा देखे ऊ ई बा जे आवे वाला जमाना में भी सामाजिक नेटवरकिंग साइट के भूमिका राज समाज खातिर अहम रही । संसद में जब सांसद मनोज तिवारी आपन चिर परिचित निहोरा वाला अंदाज में भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता आ अष्टम सूचि में शामिल करे के अवाज उठवले त भोजपुरिया लोग खुश हो गईल । आखर सहित कई लोग ओह वीडियो के साझा कईल आ आपन सकारात्मक प्रतिक्रिया देहलस । ठीक कुछे दिन बाद बेतिया के सांसद श्री संजय जायसवाल जी जब भोजपुरी के संविधान के अष्टम सूचि में शामिल करे के बात उठवनी आ ऊ वीडियो जब सामाजिक नेटवरकिंग साइट पर आईल त ओकरा के बहुत लोग साझा कईल आ हजारों लोग देखल ।
एक लेखा से देखल जाव त जमीन पर ई आंदोलन कम बा । बाकिर नेट पर ई आवाज बहुत दिन से बा आ आज के केन्द्र पर वादा खिलाफी के भी अभियोग लाग रहल बा । पिछला लोकसभा चुनाव के समय ई वादा भी कईल गईल रहे कि भाजपा के शाषण भईला पर भोजपुरी के अष्टम अनुसूचि में शामिल कईल जाई ।
सरिहार के कहल जाव त नेट पर उठ रहल अवाज , चुनावी वादा , संजय जी के भोजपुरिया छेत्र के सांसद भईला के जिम्मेवारी , ऊहां के आपन भाषा के प्रति रूचि आ नेट पर मिलल लोकप्रियता ऊहाँ के आज जंतर मंतर के धरना स्थल पर खींच ले आईल । आज संसद में त्रस्ञ्ज बिल पास होखे वाला रहे । उपस्थिति आवश्यक रहे । फेरु भी थोड़े देर समय निकाल के संजय जी जंतर मंतर पर अइनी ई छोट बात ना कहाई ।
जंतर मंतर पर एह मुद्दा पर पहिलका धरना डॉ प्रभुनाथ सिंह के नेतृत्व में भईल रहे । एह बीच अउर भी कई गो धरना भईल ।भोजपुरी जन जागरण अभियान के बैनर तले पिछला डेढ़ साल के भीतर चौथा रहे । लेकिन आज के धरना में कुछ सकारात्मक बात साफ लउक रहल बा ।
संजय जी आपन संछिप्त संबोधन में जवन मुख्य बात रखनी ऊ बा :
जब देश के गृह मंत्री भोजपुरी प्रदेश के होखस , जब देश के प्रधानमंत्री के चुनावी छेत्र भी भोजपुरिया प्रदेश होखे ओह परिस्थिति में भी जदि भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता ना मिले त एह से बड़ दुःख के बात का होई ?
२० भोजपुरिया सांसद लोग के ग्रूप एह मुद्दा पर विचार कर रहल बा आ गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलल रहे ।
अब त एह सत्र के मात्र २० – २२ दिन ही बाँचल बा जदि एह सत्र में मान्यता ना मिलल त अगिला सत्र में फेरु बात बढ़ावल जाई ।
संसद के परंपरा के अनुसार जवन प्रश्न संसद में उठेला ओकरा के पूरा करे के कोशिश कईल जाला ।
संजय जी संसद के आस्वासन समिति में भी बानी । ओह फ्रंट पर भी ऊहां के एह बात के उठायेब ।
लगले एह बात के भी इयाद कई लेहल ठीक रही कि अकादमिक छेत्र के लोग भी अपना स्तर से भोजपुरी के संवैधानिक मान्यता खातिर पहल कर रहल बा । अभी हाल ही में भोजपुरी / जनपदीय अध्ययन केंद्र , बी एच यू , के प्रो सदानन्द शाही द्वारा केंद्रीय मंत्री श्री राजीव प्रताप रूढ़ी के एह से संबंधी एगो स्मार पत्र देहल गईल बा ।
आपन संसदीय कार के व्यस्तस्ता के बीचे जंतर मंतर पर आ के संजय जी आज पूरा भोजपुरिया छेत्र के स्टार बन गईनी । ई राउर एगो भोजपुरिया होखे के नाते व्यक्तिगत आ नैतिक जिम्मेवारी भी बा कि भोजपुरी संविधान के आठवां अनुसूचि में शामिल होखो ।
तबो ढेर से ढेर धन्यवाद आ साधुवाद !