बलिराम सिंह, नई दिल्ली
‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम को ‘गंगा किनारे के छोरा’ सफल बनाएंगे। ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के अंतर्गत गंगा नदी के किनारे के हर गांव में युवाओं को स्वच्छता दूत के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस बाबत युवा मामले एवं खेलकूद मंत्रालय के अंतर्गत नेहरू युवा केंद्र संगठन और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के बीच एक समझौता हुआ है।
इस समझौता के तहत ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कार्यक्रम के सुचारू क्रियान्वयन के लिए नेहरू युवा केंद्र संगठन को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा 10 करोड़ रुपये का प्रशासनिक अनुमोदन और व्यय की मंजूरी प्रदान कर दी गयी है।
ग्रामीण स्तर पर आयोजित होंगे कार्यक्रम-
नेहरू युवा केंद्र संगठन युवाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ने के लिए तीन वर्ष तक विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इसमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन, गाँव स्तर पर युवाओं को स्वच्छता दूतों के रूप में कार्य करने के लिए प्रशिक्षण, नमामि गंगे पर जिला स्तर पर सम्मेलनों का आयोजन, नमामि गंगे पर लगभग 2336 गांवों में गाँव स्तरीय गतिविधियों का आयोजन, स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण जैसी गतिविधियां शामिल होंगी।
29 जिलों के 2336 गांवों पर होगा फोकस-
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं का एक ऐसा वर्ग तैयार करना है जो गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण के परिणामों से लोगों को जागरूक बनाए। यह कार्यक्रम गंगा के किनारे के राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल के 29 जिलों के 1203 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाले लगभग 2336 गांवों में आयोजित किए जाएंगे।