Buddhadarshan News, New Delhi
हमारी देशी चिकित्सा प्रणाली (आयुर्विज्ञान चिकित्सा) प्राचीनकाल में पूर्ण रूप से विकसित थी। यह हमारी प्राचीन सभ्यता द्वारा विश्व को दिए गए नायाब तोहफों में से एक है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने रविवार को मिर्जापुर के चुनार स्थित अपेक्स ट्रस्ट हाॅस्पिटल एंड अपेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन नामक अस्पताल का उद्धाटन के दौरान यह विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज न केवल भारत में चिकित्सीय क्षेत्र में आयुर्वेदिक थेरेपी और प्रैक्टिस प्रचलन में है, बल्कि विश्व के विकसित देशों के अनेक भागों में भी इस पद्धति से मरीजों का इलाज हो रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा देश दोहरे बोझ का सामना कर रहा है, एक ओर तो हम पर्यावरणीय, सामाजिक-आर्थिक और जनांककीय कारकों के कारण संक्रामक रोगों का सामना कर रहे हैं तो दूसरी ओर कैंसर, मधुमेह, हाइपरटेंशन, आघात जैसे गैर संचारी रोगों के मामलों में भी वृद्धि हुई है। हम इन चुनाैतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत चल रहे मौजूदा स्कीम के अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने वर्ष 2014 से कारगर एवं समयबद्ध तरीके से सरकारी कार्यक्रमों और नीतियों को कार्यान्वित करने के लिए नई पहलें शुरू की है और अनेक कदम उठाए हैं। नए प्रयासों और आम जनता के लिए सेवाओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए वर्ष 2017-18 में बजट को 24 परसेंट बढ़ाकर 50542.46 करोड़ रुपए कर दिया गया और हमारा प्रयास है कि हम क्रमिक रूप से इस बजट को जीडीपी के 2.5 परसेंट तक बढ़ाएं।
एक अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1 से 5 साल के बच्चों की मृत्यु दर में प्रतिवर्ष 5.9 परसेंट प्वाइंट के साथ काफी तेजी से कमी आई है। और नवजात शिशु मृत्यु दर में प्रतिपक्ष 3.34 प्वाइंट की कमी हुई है। अर्थात् हम पिछले एक दशक में दस लाख बच्चों को मौत से बचाने में सफल हुए हैं।
कैंसर, मधुमेह, उच्चरक्तचाप और आघात जैसे गैर संचारी रोगों से आज भारत में 61 परसेंट मौतें हो रही हैं। इन बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 30 साल से अधिक की आयु वाले लोगों केे बीच कैंसर, हृदय संबंधी बीमारियां और मधुमेह का शीघ्र पता लगाने के लिए घर-घर जाकर नि:शुल्क जांच का व्यापक कार्यक्रम शुरू किया गया है। वर्ष 2022 तक सभी जिलों को कवर करना चाहते हैं।
हमने 10 हजार से ज्यादा आयुष डॉक्टरों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात किया गया है। सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत केवल 90000 एलोपैथिक डॉक्टर ही हैं। अत: प्रधानमंत्री ने डॉक्टरों की सेवानिवृति की आयु 65 वर्ष तक बढ़ा दी है।
इस मौके पर नेता विधानमंडल अपना दल एस के सेवापुरी विधायक नील रतन पटेल, छानबे से विधायक राहुल प्रकाश, मड़िहान से विधायक रमाशंकर पटेल इत्यादि उपस्थित थे।