Plans will be made for the preservation and promotion of vanishing folk arts in UP.
Buddhadarshan News, Lucknow
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने संस्कृति विभाग के अधीन संचालित
स्वायत्तशासी संस्थानों में नव मनोनीत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों को बधाई एवं
हार्दिक शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि अपने- अपने संस्थानों की गतिविधियों को तेजी से धरातल पर
उतारने के लिए नई योजनाएं एवं कार्यक्रम तैयार करें, जिससे लोक कलाओं के
संरक्षण के साथ ही कलाकारों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राज्य सरकार विलुप्त होती जा रही लोक कलाओं के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति कटिबद्ध है।
इसलिए पूरी लगन एवं निष्ठा के साथ कार्य करें।
पर्यटन मंत्री योजना भवन के सभागार में नव मनोनीत अध्यक्षों एवं सदस्यगणों की परिचयात्मक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने स्वायत्तशासी संस्थानों एवं अकादमियों में संचालित योजनाओं को जनोपयोगी बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि कलाकारों को प्राचीन कलाओं को नये सिरे से निखारने तथा संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करें।
इसके साथ ही लोक कलाओं को पुनर्जीवित एवं संरक्षित किये जाने के लिए जिला, ब्लॉक तथा पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार करें।
जयवीर सिंह ने कहा कि लोक कलाएं हमारी समृद्ध संस्कृति तथा लोक जीवन को जीवंत बनाने के मूल आधार हैं।
ग्रामीण अंचलों में विविध लोक संगीत के कलाकार मौजूद हैं, उनकी कला को मंच प्रदान करना भी संस्थानों की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग से जुड़े कलाकारों को संरक्षण देने तथा सांस्कृतिक विरासत को संजोये जाने के लिए प्राथमिकता दी है।
इसलिए लोक विरासत की कलाओं को बचाने के लिए संस्थान एवं अकादमी अपने-अपने स्तर से कार्य करें।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम ने नव नामित अध्यक्षों, उपाध्यक्षों एवं सदस्यगणों से आग्रह किया कि अपने दायित्वों का
भली-भांति निर्वहन सुनिश्चित करें, ताकि प्रदेश की लोक कलाओं को संरक्षित किया जा सके।
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