Friday, April 19, 2024
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Tag: Delhi

बाबा साहब के सपने को पूरा करने के लिए शिक्षा पर दिया जोर, 10 गुना बढ़ाया शिक्षा बज़ट: केजरीवाल

Buddhadarshan News, New Delhi              मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि बाबा साहब पूरे जीवन संघर्ष झेलने के बावजूद शिक्षा ...

घर पर ही मिलेंगी सुविधाएं, दिल्ली होगा देश का पहला राज्य

महज़ एक माह में आरक्षित वर्ग के युवकों को मिलेगा लोन, केजरीवाल लांच करेंगे ऐप      

Buddhadarshan News, New Delhi                                                             दिल्ली सरकार ने आरक्षित वर्ग के युवकों को स्वरोजगार के लिए महज एक महीने में लोन ...

योगेंद्र यादव का एेलान, निर्धारित एमएसपी से नीचे एक भी बाेरी अनाज नहीं बेचने देंगे

योगेंद्र यादव का एेलान, निर्धारित एमएसपी से नीचे एक भी बाेरी अनाज नहीं बेचने देंगे

Buddhadarshan News, New Delhi स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने एेलान किया है कि बगैर निर्धारित एमएसपी (न्यूनतम ...

कुदरत के करीब आने का माध्यम है छठ महापर्व

कुदरत के करीब आने का माध्यम है छठ महापर्व

  Buddhadarshan News, New Delhi इंसान को कुदरत के करीब लाने का पर्व है छठ महापर्व। कार्तिक शुक्ल पक्ष के चतुर्थी (24 अक्टूबर) के रोज नहा खा से शुरू होकर अगले 27 अक्टूबर की सुबह इस महापर्व का समापन होगा। इस महापर्व में अस्ताचल (sunset) और उगते सूर्य (rising sun) की पूजा होती है। श्रद्धालु नदी, जलाशय, पोखरी, नहर इत्यादि के किनारे इस त्यौहार को मनाते हैं। 24 अक्टूबर को नहा खा कर यह पर्व शुरू होता है। अगले दिन (25अक्टूबर) खरना तथा शुक्ल पक्ष के षष्ठी (26 अक्टूबर) की शाम को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रतधारी उसके अगले दिन सुबह में (27 अक्टूबर) उदयमान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन करेगें । बिहार के विभिन्न हिस्सों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में भी यमुना और समुंद्र के किनारे इस महापर्व पर श्रद्धालुओं का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। हालांकि दिल्ली में यमुना के बहुत ज्यादा प्रदूषित होने की वजह से श्रद्धालुओं को गंदे पानी में खड़ा होकर सूर्यदेव की पूजा करनी पड़ती है। यह भी पढ़ें: Ayodhya:दिल्ली से अयोध्या जाने वाली प्रमुख ट्रेन शुद्धता, स्वच्छता और पवित्रता के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व प्रचानीकाल से मनाया जा रहा है। छठ व्रत में छठी माता की पूजा होती है और उनसे संतान की रक्षा का वर मांगा जाता है। भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार उषा (छठी मईया ) एवं  प्रत्युषा सूर्यदेव की दो पत्नियाँ हैं। छठ महाव्रत में श्रद्धा, भक्ति, समर्पण तथा सात्विकता के साथ निर्जला उपवास रखकर भगवान सूर्य, दोनों माताओं तथा भगवान कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना की जाती है। मौसमी फलों, नारियल, ईख, ठेकुआ, कचवनिया आदि के साथ दूध तथा गंगाजल से अर्घ्य समर्पित किया जाता है। लोक मान्यताओं के अनुसार सूर्य षष्ठी या छठ व्रत की शुरुआत रामायण काल से हुई थी। इस व्रत को सीता माता और द्रौपदी ने भी किया था।

भगवान धन्वंतरि की जयंती पर राष्ट्र को आयुर्वेद ‘एम्स’ का तोहफा

भगवान धन्वंतरि की जयंती पर राष्ट्र को आयुर्वेद ‘एम्स’ का तोहफा

बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती (धनतेरस) पर मंगलवार को राष्ट्र को अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान ‘एम्स’ का तोहफा किया। इस मौके पर उन्होंने देश के प्रत्येक जिला में आयुर्वेद  अस्पताल खोलने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी देश अपने इतिहास और विरासत को महत्व और ध्यान दिए बिना प्रगति नहीं कर सकता। जो देश अपनी विरासत को पीछे छोड़ देते हैं वह अपनी पहचान भी खो देते हैं। दुनिया अब प्रकृति और सेहत की ओर लौट रही है। आयुर्वेद भारत की ताकत है। Prime Minister Narendra Modi on Tuesday inaugurated the first ever 200-bed ayurveda hospital on the lines of All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) in New Delhi and said his government plans to establish such traditional medical institutes in every district of the country. प्रधानमंत्री ने सूचना क्रांति की तरह आयुर्वेद क्रांति लाने का आह्ववान किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दिवस या योग दिवस के लिए एकत्र हुए लोगों को देखकर हमारी विरासत में गर्व प्रदर्शित होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है बल्कि है सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण स्वास्थ्य को जोड़ने वाली एक प्रणाली है, इसलिए सरकार ने आयुर्वेद , योग और अन्य आयुष पद्धतियों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में शामिल करने के लिए बल दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 3 वर्षों के दौरान 65 से भी अधिक आयुष अस्पतालों का विकास किया गया है। स्वास्थ्य देखभाल लोगों की बेहतर पहुंच बनाने के लिए नए एम्स की स्थापना की जा रही है। उन्होंने स्टेंट और घुटना इम्प्लांट्स की कीमतों पर सीमा तथा किफायती कीमतों पर दवाईयां प्रदान करने के लिए जन औषधि केंद्रों की स्थापना जैसे उपायों का भी उल्लेख किया। आयुर्वेद के विकास के लिए प्रधानमंत्री के सुझाव- आयुर्वेद विशेषज्ञ एलोपैथी जैसी आयुर्वेदिक दवाएं तैयार करें। जिनसे तुरंत राहत मिले और कोई दुष्प्रभाव न हो। दवाओं की बेहतर पैकिंग हो। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी फंड का उपयोग करें। मौजूदा पाठ्यक्रम का पुनर्निर्धारण हो ताकि मानक स्तर कायम हो। आयुष व कृषि मंत्रालय किसानों को औषधीय फसलें लगाकर आय बढ़ाने की सलाह दें। आयुर्वेद संस्थान की खासियत- नई दिल्ली के सरिता विहार क्षेत्र में 10 एकड़ में लगभग 157 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। यहां कई क्षेत्र में पोस्ट-ग्रेजुएट और पीएचडी प्रोग्राम शुरू होगा।  पंचकर्म टेक्नीशियन कोर्स भी करवाया जाएगा। यह दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध है। यहां बाल रोग, मौलिक सिद्धांत, पंचकर्म, प्रसूति और स्त्री रोग, शल्य तंत्र विभाग हैं।

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