Thursday, March 28, 2024
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Latest News

न्यायमूर्ति सुधीर नारायण व ब्रिजेंद्र प्रताप सिंह ने देश भर के 50 पत्रकारों काे किया सम्मानित

Buddhadarshan News, New Delhi प्र्रयाग स्थित श्रृंगवेरपुर धाम में न्यायमूर्ति सुधीर नारायण के साथ पूर्व पत्रकार और अपना दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रिजेंद्र प्रताप सिंह ने देश भर...

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नीतीश कुमार के अाह्वान पर लड़के के पिता ने दहेज की राशि लौटाई

Buddhadarshan News, New Delhi दहेज रहित शादी का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आह्वान पर इसकी  खुशबू बिहार में फैलने लगी है। भोजपुर के प्रधानाध्यापक हरीन्द्र सिंह ने अपने...

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जंतर-मंतर, कुतुबमीनार, पुराना किला सहित 14 ऐतिहासिक स्मारकों का रखरखाव करेंगी कंपनियां

  Buddhadarshan News, New Delhi देश के 14 प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों का रखरखाव सात कंपनियां अपने सीएसआर (सोशल कॉरपोरेट फंड) के जरिए करेंगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय  ‘धरोहर गोद...

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पर्यटन पर्व संपन्न, देशभर में 5 लाख लोगों ने की शिरकत

  बुद्धादर्शन न्यूज, नई दिल्ली केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा 5 से 25 अक्टूबर तक आयोजित पर्यटन पर्व समाप्त हो गया। पर्यटन पर्व में देशभर में 5 लाख से...

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Lucknow - Agra Express -Way

समृद्धि का प्रतीक है लखनऊ-आगरा हाईवे, अखिलेश यादव को धन्यवाद Buddhadarshan News , New Delhi देश का एक ऐसा हाईवे, जो अब सड़क मार्ग के साथ ही लड़ाकू...

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कुदरत के करीब आने का माध्यम है छठ महापर्व

  Buddhadarshan News, New Delhi इंसान को कुदरत के करीब लाने का पर्व है छठ महापर्व। कार्तिक शुक्ल पक्ष के चतुर्थी (24 अक्टूबर) के रोज नहा खा से शुरू होकर अगले 27 अक्टूबर की सुबह इस महापर्व का समापन होगा। इस महापर्व में अस्ताचल (sunset) और उगते सूर्य (rising sun) की पूजा होती है। श्रद्धालु नदी, जलाशय, पोखरी, नहर इत्यादि के किनारे इस त्यौहार को मनाते हैं। 24 अक्टूबर को नहा खा कर यह पर्व शुरू होता है। अगले दिन (25अक्टूबर) खरना तथा शुक्ल पक्ष के षष्ठी (26 अक्टूबर) की शाम को अस्ताचलगामी सूर्यदेव को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रतधारी उसके अगले दिन सुबह में (27 अक्टूबर) उदयमान सूर्यदेव को अर्घ्य देकर महाव्रत का समापन करेगें । बिहार के विभिन्न हिस्सों के अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों में भी यमुना और समुंद्र के किनारे इस महापर्व पर श्रद्धालुओं का विहंगम दृश्य देख सकते हैं। हालांकि दिल्ली में यमुना के बहुत ज्यादा प्रदूषित होने की वजह से श्रद्धालुओं को गंदे पानी में खड़ा होकर सूर्यदेव की पूजा करनी पड़ती है। यह भी पढ़ें: Ayodhya:दिल्ली से अयोध्या जाने वाली प्रमुख ट्रेन शुद्धता, स्वच्छता और पवित्रता के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व प्रचानीकाल से मनाया जा रहा है। छठ व्रत में छठी माता की पूजा होती है और उनसे संतान की रक्षा का वर मांगा जाता है। भारतीय धर्म ग्रंथों के अनुसार उषा (छठी मईया ) एवं  प्रत्युषा सूर्यदेव की दो पत्नियाँ हैं। छठ महाव्रत में श्रद्धा, भक्ति, समर्पण तथा सात्विकता के साथ निर्जला उपवास रखकर भगवान सूर्य, दोनों माताओं तथा भगवान कार्तिकेय की भी पूजा अर्चना की जाती है। मौसमी फलों, नारियल, ईख, ठेकुआ, कचवनिया आदि के साथ दूध तथा गंगाजल से अर्घ्य समर्पित किया जाता है। लोक मान्यताओं के अनुसार सूर्य षष्ठी या छठ व्रत की शुरुआत रामायण काल से हुई थी। इस व्रत को सीता माता और द्रौपदी ने भी किया था।

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